
अमेरिकी ट्रेड तनाव के बीच ECB की लगार्ड ने EU की वित्तीय स्वतंत्रता की अपील की।
यूरोप के लिए चुनौतीपूर्ण समय आ गया है। उसके नेताओं के अनुसार, अब महाद्वीप को संयुक्त राज्य अमेरिका पर अपनी निर्भरता कम करनी होगी। हालांकि यह एक सराहनीय लक्ष्य है, लेकिन इसे हासिल करना आसान नहीं है।
यूरोपीय सेंट्रल बैंक (ECB) की अध्यक्ष क्रिस्टीन लगार्ड का मानना है कि यूरोपीय संघ की मौजूदा कई समस्याओं की जड़ अमेरिका की ट्रेड नीतियों में छिपी है। हालांकि, यह संकट यूरोप के लिए अपने ट्रांसअटलांटिक सहयोगी से वित्तीय स्वतंत्रता हासिल करने का एक दुर्लभ अवसर भी ला सकता है। लगार्ड ने यह भी कहा कि ट्रंप की मौजूदा टैरिफ रणनीति ने ECB को मुद्रास्फीति के खिलाफ लगातार संघर्ष में धकेल दिया है।
उन्होंने बताया कि सेंट्रल बैंक हर दिन इस जद्दोजहद में लगा हुआ है, लेकिन वह मुद्रास्फीति को 2% के लक्ष्य तक लाने के लिए प्रतिबद्ध है। हालांकि, इस लक्ष्य तक पहुंचने का रास्ता बिल्कुल भी सीधा नहीं है। कुछ विशेषज्ञ ECB को सख्त नीति अपनाने की सलाह दे रहे हैं, कुछ धीमी और संतुलित रफ्तार से आगे बढ़ने का सुझाव देते हैं, जबकि कुछ इंतजार और निगरानी की नीति की सिफारिश कर रहे हैं।
लगार्ड ने ट्रंप की आर्थिक नीति की फिर से आलोचना करते हुए उन पर वैश्विक अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया। साथ ही, उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि अमेरिका की मौजूदा नीतियों की दिशा यूरोपीय संघ के लिए रक्षा, ऊर्जा और वित्त जैसे प्रमुख क्षेत्रों में आत्मनिर्भरता हासिल करने का अवसर भी बन सकती है।
मार्च के अंत में, लगार्ड ने ट्रंप पर ऐतिहासिक मानदंडों के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए चेतावनी दी थी कि अगर ट्रेड युद्ध ऐसे ही चलते रहे, तो कई देशों को टकराव का सामना करना पड़ सकता है और उन्हें इसके गंभीर दुष्परिणाम भी झेलने पड़ सकते हैं।